सीएम साहब उत्तराखण्ड में बेलगाम हो रही मित्र पुलिस!

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फर्जी मुकदमें लिखने में माहिर है दून पुलिस
चोरी के मुकदमें तक नहीं लिख रही खाकी
देशभर में मित्र पुलिस पर दाग लगा दिया दरोगा खण्डूरी ने
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड के नये मुख्यमंत्री के पदभार संभालते ही राज्य की पुलिस के अन्दर एक भय होना चाहिए था कि राज्य में अब त्रिवेन्द्र राज की तरह पत्रकारों व सरकार पर उंगली उठाने वाले लोगों पर फर्जी मुकदमें दर्ज नहीं कर पायेंगी और उसे धरातल पर मित्र पुलिस के स्लोगन को साकार करना पडेगा लेकिन गजब बात तो यह है कि राजधानी की पुलिस के कुछ लोग तो चोरी की घटनायें भी लिखने के लिए आगे नहीं आ रहे और वह नयी सरकार के मुखिया के सामने यह दिखाने के मिशन में लगी हुई है कि किस तरह से शहर के अन्दर अमन-चैन है? कैंट थाने के एक वरिष्ठ दरोगा को जिस तरह से चण्डीगढ में सीबीआई की टीम ने एक मामले में एक लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया उससे डीजीपी की पुलिस पर सवालिया निशान लग गये कि किस तरह से पुलिस के एक दरोगा ने देशभर में उत्तराखण्ड पुलिस पर एक बडा कलंक लगा दिया। उत्तराखण्ड के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब राज्य में डीजीपी तो स्वच्छ प्रशासन देने का दावा कर रहे हैं और वहीं उनके एक दरोगा को सीबीआई की टीम ने एक लाख रूपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार कर उत्तराखण्ड पुलिस को आईना दिखा दिया?
उल्लेखनीय है कि चंद दिन पूर्व ही प्रदेश के नये मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर राज्य की कानून व्यवस्था को दुरूस्त करने के आदेश दिये और राज्य में स्वच्छ प्रशासन देने का भी मंत्र दिया था। नये मुख्यमंत्री के आदेश से ऐसा आभास हुआ था कि राज्य में अब वो सबकुछ नहीं देखने को मिलेगा जो पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत के शासनकाल में राज्य की जनता को मिल रहा था। डीजीपी अशोक कुमार ने भी ऐलान कर रखा है कि राज्य में पुलिस निष्पक्षता से काम करेगी और मित्र पुलिस का धर्म निभायेगी लेकिन जिस तरह से राजधानी में ही डीजीपी के आदेशों की कुछ दरोगा धज्जियां उडाते आ रहे हैं वह किसी से छिपा नहीं है गजब बात तो यह है कि शायद पुलिस के कुछ अफसर दरोगाओं का चेहरा देखकर ही उन पर कोई कार्यवाही करने के लिए आगे आ रहे हैं? राजधानी में अगर चोरी के मुकदमें दर्ज नहीं हो रहे तो उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि डीजीपी के आदेश किस तरह से कुछ दरोगा हवा में उडा रहे हैं। वीआईपी माने जाने वाले कैंट थाने के दरोगा हेमंत खण्डूरी को जिस तरह से सीबीआई की टीम ने चण्डीगढ़ में एक लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया उससे कहीं न कहीं उत्तराखण्ड के नये मुख्यमंत्री के उन सपनों पर भी बडा ग्रहण लग गया है जिसमें उन्हें पुलिस के आला अफसरों को स्वच्छ प्रशासन देने का आदेश दिया था।

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