पुराने मुख्यमंत्री के कुछ फैसलों की हड्डियां चैराहे पर फोड़ कर वाहवाही बटोर रहे हैं मुख्यमंत्री तीरथ सिंहः हरीश रावत

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पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने ताबड़तोड़ फैसले ले रहे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को फिर निशाने पर लिया है। महामारी एक्ट को लेकर दर्ज मुकदमें वापस लेने के फैसले पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को भी अपना फैसला बता रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इंटरनेट मीडिया पर जारी अपनी पोस्ट में नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को त्रिवेंद्र सिंह रावत की तुलना में चालाक करार दिया। उन्होंने कहा कि वह पुराने मुख्यमंत्री के कुछ फैसलों की हड्डियां चैराहे पर फोड़ कर वाहवाही बटोर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार कह रहे हैं कि उन्होंने कोविड-19 के दौरान लगे सभी मुकदमें वापस लिए हैं।

उन्होंने कहा कि जिस केंद्रीय कानून की वजह से मुकदमें दर्ज किए गए हैं, उन्हें मुख्यमंत्री वापस नहीं ले सकते। उन्हें वापस लेने को न्यायिक निर्णय हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सभी राज्यों को उक्त मुकदमें वापस लेने के निर्देश दिए हैं। कांग्रेसशासित राज्य तो दूसरे दिन ही ये फैसला ले चुके हैं। उत्तर प्रदेश भी यह निर्देश जारी कर चुका है।तीरथ सरकार ने राज्य के गन्ना किसानों को बड़ी राहत दी है। किसानों से गन्ना खरीद पूरी होने के बाद चीनी मिलें पेराई सत्र समाप्ति के आदेश जारी करेंगी। यही नहीं, चीनी मिलों को गन्ना मूल्य का भुगतान समय पर करने को कहा गया है।

तीरथ सरकार ने किसानों के हित में तेजी से फैसले लेने किए प्रारंभ

तीरथ सरकार ने किसानों के हित में तेजी से फैसले लेने प्रारंभ कर दिए हैं। सरकार ने हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों के गन्ना किसानों के हित में फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार जिले से विधायक और मंत्री परिषद में शामिल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वामी यतीश्वरानंद को गन्ना विकास व चीनी उद्योग विभाग दिया है। विभागीय मंत्री के निर्देश पर बुधवार को सरकार ने चीनी मिलों के लिए सख्त हिदायत जारी कर दी। गन्ना व चीनी आयुक्त को भेजे पत्र में सचिव चंद्रेश कुमार ने कहा कि गन्ना खरीद नीति के खिलाफ चीनी मिलों के रवैये की जानकारी शासन को मिली है। किसानों से समस्त गन्ना खरीदने से पहले ही चीनी मिल बंद करने और पेराई सत्र समाप्त करने के आदेश जारी किए जाते हैं।

इससे किसानों को अपने बचे हुए गन्ने को लेकर दिक्कतों को सामना करना पड़ता हे। अब गन्ना खरीद पूरी होने के बाद ही पेराई सत्र की समाप्ति के आदेश जारी किए जाएंगे। सचिव ने गन्ना मूल्य भुगतान को भी नियत समयावधि में सुनिश्चित कराने के आदेश दिए हैं।

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