पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव के आर्थिक सुधारों के कदमों से देश के विकास को मिली गति: वेंकैया नायडू

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पूर्व प्रधानमंत्री राव को उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि राव बहुमुखी प्रतिभा का धनी थे। वे बड़े विद्वान, साहित्यकार और कई भाषाओं के जानकार भी थे। प्रधानमंत्री के रूप में पीवी नरसिंह राव को उचित महत्व नहीं मिल सका। जबकि उनके आर्थिक सुधारों के कदमों से देश के विकास को गति मिली।

उप राष्ट्रपति एम वेंकैया ने कहा, राव ने प्रधानमंत्री की कुर्सी तब संभाली थी जब देश गंभीर आर्थिक संकट और राजनीतिक अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा था, लेकिन उन्होंने तमाम कयासों को खारिज करते हुए न केवल देश को अच्छी तरह से संभाला बल्कि विकास के पथ पर आगे भी बढ़ाया।

कुशल और चतुर प्रशासक थे राव

राव जून 1991 से मई 1996 के बीच देश के प्रधानमंत्री रहे थे। उनका जन्म 28 जून, 1921 को हुआ था और मौत 23 दिसंबर, 2004 को हुई थी। राव पर पुस्तक पत्रकार ए कृष्णा राव ने लिखी है। नायडू ने कहा, राव कुशल और चतुर प्रशासक थे, लेकिन वह उनकी लागू की हुई सभी नीतियों से सहमत नहीं हैं। वैसे उन्होंने अपने निर्णय देश के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए लिये। उन्हीं के कार्यकाल में भारत विश्व व्यापार संगठन का सदस्य बना।

नरसिंह राव ने ही देश से लाइसेंस राज का खात्मा किया, बैंकिंग व्यवस्था में सुधार लागू किए, बिजली का निजीकरण किया, दूरसंचार का आधुनिकीकरण किया, निर्यात को बढ़ावा देने वाले कदम उठाए और विदेशी निवेश को आकर्षित किया। राव ने ही देश में कृषि सुधार लागू किए और खाद्यान्न को लाने-ले जाने पर लगी रोक भी हटाई।

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