केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री का बयान संसद को गुमराह करने वाला: डा. प्रतिभा सिंह

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देहरादून(संवाददाता)। कांग्रेस प्रवक्ता डा. प्रतिभा सिंह ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने राज्यसभा में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार द्वारा दिये गये बयान जिसमें उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है. हास्यास्पद एवं देश की संसद को गुमराह करने वाला बताया है।
यहां जारी एक बयान में कांग्रेस प्रवक्ता डा. प्रतिमा सिंह ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से राज्यसभा में े स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार द्वारा दिये गये उस बयान को हास्यास्पद एवं देश की संसद को गुमराह करने वाला बताया है जिसमें उन्होंने कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन की कमी की वजह कोई भी मौत नहीं होने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण देश के कई हिस्सों में अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर एक विकट स्थिति उभरकर सामने आई, ऐसी स्थिति जो देश में पहले कभी नहीं देखी गई। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हर दिन कई अस्पताल ऑक्सीजन की कमी की गुहार लगाते देखे गए और सोशल मीडिया ऐसे संदेशों से भरा रहा, जिनमें एक तरफ अस्पताल कह रहे थे कि उनके पास अब चंद घंटों की ऑक्सीजन सप्लाई ही बची है और उनके मरीजों की जान खतरे में है।
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर, मरीजों के परिजन और देखभाल करने वाले लोग खाली ऑक्सीजन सिलिंडरों को भरवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर दिखे। इस अवसर पर डा. प्रतिमा सिंह ने कहा कि मई माह को महरौली स्थित बत्रा अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किए गए 12 कोविड मरीजों की मौत हो गई और अस्पताल ने इन मौतों का जिम्मेदार ऑक्सीजन की कमी को बताया। दिल्ली स्थित जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण एक रात में 20 कोविड मरीजों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि वहीं महाराष्ट्र के नासिक में डॉक्टर जाकिर हुसैन अस्पताल में ऑक्सीजन न मिलने के कारण 22 मरीजों की मौत हुई। उन्होंने कहा कि एलएनजेपी जैसे सरकारी से लेकर सरोज और फोर्टिस जैसे प्राइवेट अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे थे ऐसे में कुछ बेबस अस्पतालों ने हाई कोर्ट का भी रुख किया था। पश्चिम में महाराष्ट्र और गुजरात से लेकर उत्तर में हरियाणा और मध्य भारत में मध्य प्रदेश तक सभी जगह मेडिकल ऑक्सीजन की भारी कमी पैदा हो गई थी। उन्होंने कहा कि त्तर प्रदेश में तो कुछ अस्पतालों ने बाहर ‘ऑक्सीजन आउट ऑफ स्टॉकÓ की तख्ती लगा दी गई थी। यहां तक कि लखनऊ में अस्पतालों ने तो मरीजों को कहीं और जाने के लिए कहना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि यही हाल दिल्ली के छोटे-बड़े अस्पताल और नर्सिंग होमों का था। कई शहरों में मरीजों के बेहाल परिजन खुद सिलिंडर लेकर री-फिलिंग सेंटर के बाहर लाइन लगा कर खड़े दिख रहे थे। हैदराबाद में तो एक ऑक्सीजन प्लांट के बाहर जमा भीड़ पर काबू पाने के लिए बाउंसरों को बुलाना पड़ा।

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