देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी में मस्जिद विवाद को लेकर चंद दिन पूर्व हिंदू संगठनों की हुई महापंचायत ने यलगार लगाई कि उत्तराखण्ड को लैंड जिहादियों से मुक्त कराना उनका पहला मिशन है। हिंदू संगठनों की इस यलगार को लेकर यह बहस भी शुरू हुई कि जिस महापंचायत को करने के लिए हिंदू संगठन आगे आये उन्हें इस बात का इल्म होना चाहिए था कि मुख्यमंत्री ने तो लम्बे समय से लैंड और लव जिहाद के खिलाफ जंग छेड रखी है और उन्होंने हर बार साफ अल्टीमेटम दिया है कि उत्तराखण्ड के अन्दर लव और लैंड जिहाद बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। मुख्यमंत्री तो एक लम्बे अर्से से लव और लैंड जिहाद पर नकेल लगाने के लिए पुलिस महकमे को खुला आदेश देते आ रहे हैं और यही कारण है कि आज राज्य के अन्दर लव जिहाद का फन कुचल दिया गया है और जिहादियों ने जहां भी सरकारी लैंड पर कब्जे किये हुये थे उन्हें सख्ती के साथ हटाकर मुख्यमंत्री पहले से ही सख्त रूख में अपनी धमक लैंड जिहादियों को दिखाते आ रहे हैं और यही कारण है कि लम्बे समय से राज्य के किसी भी कोने मे लव और लैंड जिहाद का शोर नहीं मच रहा है और लैंड और लव जिहादियों को मुख्यमंत्री का कोप उन्हें खूब डरा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवभूमि के अन्दर लव और लैंड जिहाद के साथ थूक जेहाद का तांडव करने वालों को खुला अल्टीमेटम दे रखा है कि अगर उन्होंने ऐसा दुसाहस करने के लिए कभी भी अपने कदम आगे बढाये तो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही अमल मे लाई जायेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अकसर हर मंच से ऐलान करते आ रहे हैं कि उत्तराखण्ड के अन्दर कोई भी जेहाद नहीं होने दिया जायेगा और अगर किसी ने जेहाद के नाम पर राज्य की फिजाओं को सुलगाने की कोशिश की तो उसे इसका बडा खामियाजा भुगतना पडेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लैंड जिहादियों को चिन्हित कर उन पर अपना चाबुक चलाने का जो दौर शुरू कर रखा है उससे राज्यवासियों के मन मे एक उमंग जाग चुकी है कि अब उन्हें लैंड, लव और थूक जेहाद से आजादी मिलेगी। हैरानी वाली बात है कि जब मुख्यमंत्री खुद लैंड जेहाद के खिलाफ आक्रामक रूख मे दिखाई दे रहे हैं तो फिर कुछ दिन पूर्व उत्तरकाशी में हिन्दुओं की हुई महापंचायत में उत्तराखण्ड को लैंड जिहाद से मुक्ति दिलाने की हुंकार समझ से परे नजर आई? मुख्यमंत्री खुद जेहाद के खिलाफ हैं और उत्तराखण्ड में लैंड जिहाद का चेप्टर अब बंद होता हुआ दिखने लगा है।
गौरतलब है कि उत्तराखण्ड में वर्षों से राज्य के शांत पहाडों में जिस तेजी के साथ लव जिहाद का तांडव चल रहा था उस पर सभी पूर्व सरकारों की रहस्यमय चुप्पी ने पहाडवासियों के मन में एक बडी नाराजगी दिखाई देती थी और उन्हें इस बात को लेकर काफी आक्रोश रहता था कि आखिरकार सरकारें लव जिहाद पर प्रहार करने के लिए आगे आने का साहस क्यों नहीं दिखाती। लव जिहाद के काफी मामलों से कई बार राज्य का माहौल तनावपूर्ण हुआ लेकिन इसके बावजूद भी सरकार ने लव जिहाद के मामलों को लेकर कोई कानून बनाने की दिशा में अपने कदम आगे नही बढाये जिसके चलते आवाम लव जिहाद जैसे खतरनाक मिशन से खुद ही जंग लडने के लिए आगे आने लगी। वहीं जब राज्य की कमान युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों में आई तो उन्होंने उत्तराखण्ड के अन्दर पनप रहे लव जिहाद पर अपना सख्त रूख अपना दिया और राज्यभर में साफ संदेश दे दिया था कि अगर किसी ने भी लव जिहाद का खेल खेलने का दुसाहस किया तो उसके इसके दुसाहस को कुचल दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने लव जिहाद के खिलाफ बडे मिशन के तहत काम शुरू किया और उन्होंने इसके लिए जो सख्त कानून का दायरा बनाया उसके बाद उन्होंने राज्य के पहाडों में लव जिहाद के मामलों को तेजी से कूचलने का जो ऑपरेशन चलाया उसी का परिणाम है कि आज पहाडों में लव जिहाद के मामले शून्य हो रहे हैं और उससे मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी का राजनीतिक इकबाल पहाड से लेकर मैदान तक बढता जा रहा है। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने राज्य को आदर्श राज्य बनाने की दिशा में आवाम से किये गये वायदे को वह एक बडे विजन के तहत आगे बढाने के मिशन में खडे हुये दिखाई दे रहे हैं वहीं उन्होंने राज्य में मजार जिहाद के बाद लव जिहाद के खिलाफ अपना हंटर उठा लिया है और उन्होंने लव जिहाद पर पैनी निगाह रखने के लिए पुलिस और खुफिया एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। राजधानी के पछवादून इलाके में जिस तरह से लव जिहाद के मामले सामने आ रहे हैं उससे सीएम ने अपना सख्त एक्शन शुरू कर दिया है और खुला अल्टीमेटम दिया है कि राज्य के अन्दर जिसने भी लव जिहाद करने का दुसाहस किया उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जायेगी और राज्य की आबोहवा में किसी को भी जहर घोलने नहीं दिया जायेगा। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तेइस साल में वो साहासिक कदम उठाया जो आज तक किसी भी सरकार ने नहीं उठाया था। उत्तराखण्ड के जंगलों में जिस तरह से एक के बाद एक मजार बना दी गई थी उस पर न तो कभी वन विभाग के अधिकारियों की नजर गई और न ही खुफिया एजेंसियों को जंगलों में स्थित इन मजारों के बारे में पता चल पाया था। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग की जमीनों पर अवैध खडी मजारों को ध्वस्त करने के लिए जब अपना एक्शन शुरू किया तो उससे लैंड जिहादियों में खलबली मच गई थी और आज राज्य के अन्दर लैंड जेहाद का साम्राज्य खत्म होता हुआ दिखाई दे रहा है।