धामी के चक्रव्यूह में फंसते नशा माफिया

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देहरादून(संवाददाता)। उडता पंजाब मे जिस तरह से युवा पीढी नशे के दलदल मे धंसकर बर्बादी के दौर मे आगे बढती रही उससे देशभर मे पंजाब में नशे को लेकर जो धारणा बनी वह काफी दिल दहलाने जैसी ही नजर आई और उत्तराखण्ड मे भी उडता पंजाब की जब तस्वीर दिखाई देने लगी तो उससे राज्यवासियों के मन मे यह डर पैदा होने लगा कि अगर पहाडी जनपदों में भी युवा पीढी नशे के मकडजाल मे फंसती चली जायेगी तो उससे पहाड का युवा बर्बाद हो जायेगा? उत्तराखण्ड के कुछ पहाडी जनपदों में नशे का मकडजाल आज इतना विशाल हो चुका है कि उसे भेद पाना सिस्टम के लिए एक बडी चुनौती बना हुआ है। उत्तरकाशी, टिहरी, रूद्रप्रयाग, चमोली, अल्मोडा मे नशा तस्करों ने अपना एक खतरनाक नेटवर्क तैयार कर वहां युवा पीढी को अपने जाल मे इस कदर फंसा रखा है कि वहां परिवार के परिवार चिंता के इस दौर मे है कि कब उनके लाडले इस नशे से आजाद हो पायेंगे? मुख्यमंत्री ने मैदानी और पहाडी जनपदों में नशे के नेटवर्क को भेदने के लिए अपना चक्र चला रखा है और उस चक्र से आये दिन नशा माफिया ढेर हो रहे हैं और उसी के चलते अब आशा की किरण दिखाई दे रही है कि पहाडों में नशे का खतरनाक खेल खेलने वालों को मुख्यमंत्री नेस्तनाबूत करने में आगे भी कोई कसर नहीं छोडेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहाडी जनपदों में फैल चुके नशे के बडे नेटवर्क को लेकर शुरूआती दौर से ही चिंता मे दिखाई देते आ रहे हैं और उन्होंने सभी जनपदों के पुलिस कप्तानों को नशा माफियाओं पर नकेल लगाने का फरमान जारी कर रखा है। मुख्यमंत्री ने नशा माफियाओं पर शिकंजा कसने और नशे के जाल मे फंसे युवकों को उससे आजादी दिलाने के लिए एक बडे विजन के साथ ऑपरेशन चला रखा है और उन्होंने जेलों में बंद नशे के आदी लोगों को इससे छुटकारा दिलाने के लिए जेलों में उनकी कॉउसलिंग भी करा रखी है। मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी का साफ कहना है कि उत्तराखण्ड के युवाओं को नशे के दलदल से बाहर निकालना उनका पहला विजन है और राज्य में जो भी नशामाफिया अपने खतरनाक एजेंडे पर आगे बढकर युवाओं को नशा परोस रहा है उसके खिलाफ वह ऐसी कार्यवाही अमल मे लायेंगे कि उन्हें यह आभास हो जायेगा कि उत्तराखण्ड कभी भी उडता पंजाब नहीं बन पायेगा?
उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड में कहने को तो एक से एक पूर्व मुख्यमंत्री ने सत्ता संभाली और वह राज्य को नई उडान पर ले जाने का खूब ढोल पीटते रहे लेकिन उन्होंने राज्य में तेजी के साथ पनप रही नशे की जडों पर प्रहार करने की दिशा में कोई पहल नहीं की जिसके चलते नशे माफियाओं का साम्राज्य इतना विशाल होता चला गया कि उन्होंने पहाड से लेकर मैदान तक के युवाओं को नशे के जाल में फंसा दिया। वहीं उत्तराखण्ड की कमान जब युवा मुख्यमंत्री के हाथों में आई तो उन्होंने नश माफियाओं पर प्रहार करने की दिशा में सख्ती के साथ जब कदम आगे बढाये तो पुलिस ने भी नशे की जडों पर प्रहार करना शुरू किया और अब साफ नजर आ रहा है कि धामी नशे की जडों को खोखला करने के मिशन में तेजी के साथ सफल हो रहे हैं। पहाड़ों और पर्यटननगरी में नशा माफियाओं के खिलाफ वहां के पुलिस कप्तानों ने बडे ऑपरेशन चला रखे हैं और उसी के चलते एक के बाद एक नशा माफिया सलाखों के पीछे पहुंचते जा रहे हैं। आवाम को अब नजर आने लगा है कि उत्तराखण्ड के अन्दर नशा माफियाओं का किला ध्वस्त करने के लिए मुख्यमंत्री ने एक बडे विजन के साथ अपने कदम आगे बढ़ा लिये हैं और यह भी तय है कि आने वाले समय उत्तराखण्ड की युवा पीढी को मुख्यमंत्री नशे के मकडजाल से बाहर निकाल लेंगे। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक बडी सोच के राजनेता हैं और उन्होंने सबसे पहले इस बात पर अपनी बडी चिंता दिखाई थी कि युवा पीढी किस तरह से नशे के मकडजाल में फंसती जा रही है। मुख्यमंत्री को इस बात का भी अफसोस है कि उनका एक परम मित्र नशे की गुलामी में इस कदर फंस गया था कि उसका जीवन नशे के चलते खत्म हो गया था और उसका परिवार एक बडे संकट में आ गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवा पीढी को नशे के दलदल से बाहर निकालने के लिए एक बडी रणनीति के तहत काम करना शुरू किया और उन्होंने संकल्प लिया कि 2०25 तक उत्तराखण्ड को नशामुक्त करा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को आदेश दिये हुये हैं कि वह अपने-अपने इलाकों में एक-एक नशा माफिया को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाये और उनकी माफियागिरी की चेन को खत्म करें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने अब तक के कार्यकाल में नशा माफियााओं की जडों को तेजी के साथ खोखला करने का जो ऑपरेशन चला रखा है वह राज्य की जनता को खूब रास आ रहा है। उत्तराखण्ड के इतिहास में पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है कि राज्य का मुख्यमंत्री नशा माफियाओं की कमर तोडने में दिन-रात काम कर रहा है। मुख्यमंत्री को अब यह उम्मीद दिखने लगी है कि राज्य के अन्दर अब नशा माफियाओं को नेस्तनाबूत करने का जिस तरह से पुलिस ने ऑपरेशन चला रखा है उसके चलते आने वाले समय में राज्य के अन्दर एक भी नशा माफिया पहाड से लेकर मैदान तक दिखाई नहीं देगा।

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