धामों में श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने पर भड़की चारधाम होटल एसोसिएशन

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उत्तरकाशी(चिरंजीव सेमवाल)। चार धाम यात्रा में धामों में श्रद्धालुओं की संख्या सीमित किए जाने का विरोध शुरू हो गया है। होटल एसोसिएशन, टैक्सी एसोसिएशन समेत अन्य कई संगठनों ने खुलकर विरोध जताना शुरू कर दिया है। उत्तरकाशी में चार धाम होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पुरी , गंगोत्री मंदिर समिति सहित होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों ने प्रेस कांफ्रेंस कर शासन प्रशासन पर सवाल उठाए।
इस दौरान चार धाम होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पुरी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड के पर्यटन सचिन कुर्वे का बयान पड़ा है जिसमें कहा गया है कि यमुनोत्री में 9 हजार ,गंगोत्री में 11 हजार , केदारनाथ में 18 हजार और बद्रीनाथ में 2० हजार यात्रियों की संख्या निर्धारित कर दी है। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री धाम से शुरू होती है जब यमुनोत्री धाम में नौ हजार यात्रियों की संख्या निर्धारित की गई है तो केदारनाथ और बद्रीनाथ में 18 हजार और 2० हजार यात्रियों की संख्या कहां से आएगी ? इस लिए इसतरह की बंदिश लगाने न्याय संगत नहीं है।
उन्होंने प्रत्येक धाम में किसी भी संख्या की सीमाओं के आदेश को निरस्त करने की मांग उठाई। उन्होंने ने कहा उत्तराखंड की आर्थिक चार धाम यात्रा है कोई भी ऐसा काम न किया जाए, जिससे पर्यटन पर निर्भर लाखों लोगों की आजीविका पर प्रभाव न पड़े। ऑनलाइन के साथ है ऑफलाइन पंजीकरण को बढ़ावा देते हुए राज्य के सभी प्रवेश बिंदुओं पर ऑफलाइन पंजीकरण के काउंटर उपलब्ध कराए जाएं। चारधाम होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री पुरी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि चार धाम यात्रा के बजाय कुमाऊं मंडल में मानस खंड के प्रचार प्रसार के लिए विज्ञापन खर्च कर रही जबकि चारधाम यात्रा के लिये कोई प्रचार नहीं किया जा रहा। उन्होंने राज्य सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि एक और प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के बीते दिनों सभी जनपदों में दीदी-भुली कार्यक्रम के तहत लाखों रुपए खर्च कर लोगों को स्वावलंबी बनाने व वीर चंद्र गढ़वाली योजना, होम स्टे सहित तमाम योजनाओं के ढोल पीठ -पीठ कर स्वरोजगार और पलायन रोकने के दावा किया गया है दूसरी ओर जब लोगों ने यहां अपने व्यवसाय शुरू कर रहे हैं तो चार धाम यात्रा पर यात्रियों की संख्या निर्धारित कर दी है ।
इस दौरान होटल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा ने बताया कि यमुनोत्री- गंगोत्री , सहित केदारनाथ और बद्रीनाथ धामों तीस हजार यात्रियों की रहने की उचित व्यवस्था है सरकार अनावश्यक रूप चार धाम यात्रा में अड़ंगा लगा रही है। उन्होंने यात्रियों की संख्या को तत्काल समाप्त करते हुए पंजीकरण स्लॉट को खोला जाए। उन्होंने कहा कि यात्रियों की संख्या सीमित करने की बजाय सरकार मेडिकल सुविधा, संचार सिस्टम, बिजली, पानी, पार्किंग, सड़कों की व्यवस्था को सुधारा जाए। डंडी कंडी, घोड़े खच्चर। की उचित व्यवस्था की जाए। हेली सेवाओं में होने वाली कालाबाजारी पर पूरी तरह रोक लगाई जाए। इस दौरान गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरि सेमवाल, अशोक सेमवाल, रेडक्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन माधव जोशी, व्यापार मंडल अध्यक्ष रमेश चौहान, गजपाल, मनोज रावत सहित अन्य लोग मौजूद रहे है।

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